भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक
*CAG का उल्लेख -
भाग -5 अनुछेद 148
कार्य - राज्यों और केंद्र की वित्तीय प्रणली का नियंत्रण।
नियुक्ति -राष्टृपति CAG का पद भारत शासन अधिनियम -1935 नमूने पर ही बनाया गया है।
*महालेखक परीक्षक की पदावधि -
CAG भारत की संपरीक्षा लेखा प्रणालियों का निष्पक्ष प्रधान होता है।
पदावधि - 65 वर्ष की उम्र तथा 6 वर्ष का कार्यकाल जो भी पहले जाए।
त्यागपत्र - राष्ट्रपति को
महाभियोग - CAG अनुच्छेद 148 (1 ),124 (4 ) के तेहत हटाया जा सकता है।
*वेतन और भत्ते -
CAG का वेतन उच्चतम न्यायालय न्याधीश के समान होती है। अनुच्छेद 149 वेतन भारत की संचित निधि भारित होंगी
*महत्वपूर्ण तथ्य -
ब्रिटेन में CAG हाउस ऑफ कामस का होता है
CAG की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए संविधान में प्रवधान है।
CAG (PPP )का ऑडिट भी करता है।
PPP =सार्वजनिक निजी सहभागी परि योजनाओ।
*नियंत्रक महालेखा परीक्षक की शक्तियाँ
संसद द्वारा 1976 संसोधित ,CAG अधिनियम 1971 में नियंत्रक महालेखा प्रशिक्षक के कार्य
आकस्मिक निधि ,लोक लेखाओं के व्यय की जांच।
प्रतिवेतन देने कि क्या व्यय संविधान और कानून के अनुसार किये गये है या नहीं।
संघ व राज्ये सरकार के विभोग द्वारा किये गये सभी व्यापार एवं विनिर्माण के लाभ और हानि की जांच।
अनुच्छेद 151 के अनुसार CAG अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करेगा।
वर्तमान महालेखा परीक्षक -
श्री गिरीश चन्द्र मुर्मू ,8 अगस्त 2020 भारत के नियंत्रक व महालेखाप्रशिक्षक के रूप में कार्य भार संभाला।


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